प्रदेश में बढ़ी गेहूं-धान व तिलहन की उत्पादकता
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में गेहूं और धान के साथ तिलहन की उत्पादकता बढ़ी है। सरकार किसानों की आय वृद्धि और जल संरक्षण संबंधी योजनाओं को धरातल पर ला रही है। श्री शाही शनिवार को बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान की ओर से शताब्दी भवन सभागार में आयोजित पांचवीं कृषि अनुसंधान कांग्रेस के उद्घाटन पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि फसल एवं पशुओं के समन्वय से किसान जीवाणु युक्त खेती के जरिए अपनी आय बढ़ा सकते हैं। विशिष्ट अतिथि एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डा. मंगला राय ने कृषि नीति में बदलाव की मांग की। कहा कि आज जल उपयोग क्षमता 20 प्रतिशत है जिसे अगले 10 वर्षों में यदि 40 प्रतिशत तक नहीं बढ़ाया गया तो पीने के साथ ही कृषि के लिये जल उपलब्ध नहीं होगा। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे सूक्ष्म जीवाणुओं की कार्यक्षमता बढ़ाने पर शोध करें। कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा. आरसी अग्रवाल ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से कृषि स्नातकों तथा वैज्ञानिकों को शोध एवं प्रशिक्षण के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने वैज्ञानिकों से अपने अनुसंधान को खेतों में प्रदर्शित करने का आग्रह किया। कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के सदस्य डा. एके श्रीवास्तव ने भी विचार व्यक्त किया।
सम्मेलन में देश के करीब चार सौ वैज्ञानिक व विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मथुरा पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डा. जीके सिंह, कानपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डीआर सिंह, भारत के फसल एवं पशुपालन क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों के निदेशकों के साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय आलू संस्थान के वैज्ञानिक उपस्थित थे। स्वागत संकाय प्रमुख डा. एपी सिंह, संचालन डा. पवन कुमार सिंह तथा धन्यवाद संस्थान के निदेशक प्रो. रमेश चन्द्र ने दिया।